अच्छा सकारात्मक नजरिया इंसान की पहचान दिलाता है और उसे। प्रगति की एक नई राह दिखाता है।
सकारात्मक रुख अपनाना
एक आदमी मेले में गुब्बारे बेचकर गुजर-बसर करता था उसके पास लाल, नीले, पीले, हरे और इसके अलावा कई रंगों के गुब्बारे थे। जब उसकी बिक्री कम होने लगी लगती तो वह हीलियम गैस से भरा एक गुब्बारा हवा में उड़ा देता। बच्चे जब उडते गुब्बारे देखते तो वैसा ही गुब्बारा लेने के लिए आतुर हो उठते, और उसके पास गुब्बारे खरीदने के लिए जा पहुंच जाते, उस आदमी की बिक्री बढ़ने लगती उस आदमी की बिक्री जब भी घटती वह उसे बढ़ाने के लिए गुब्बारे उड़ाने का यही तरीका अपनाता, 1 दिन गुब्बारे वाले को महसूस हुआ कि कोई उसके जैकेट को खींच रहा है उसने पलट कर देखा तो वहां के एक बच्चा खड़ा था। बच्चे ने उससे पूछा अगर आप हवा में किसी काले गुब्बारे को छोड़े तो क्या वह भी उड़ेगा। बच्चे के इस सवाल ने गुब्बारे वाले के मन को छू लिया बच्चे की ओर मुंह कर उसने जवाब दिया बेटे गुब्बारा अपने रंग की वजह से नहीं बल्कि उसके अंदर भरी चीज की वजह से उड़ता है।
हमारी जिंदगी में भी यही उसूल लागू होता है। अहम चीज हमारी अंदरूनी शख्सियत है । हमारी अंदरूनी शख्सियत की वजह से हमारा जो नजरिया बनता है, वही हमें ऊपर उठाता है, हावर्ड विश्वविद्यालय के विलियम जेम्स का कहना है, हमारी पीढ़ी की सबसे बड़ी खोज यह है कि इंसान अपना नजरिया बदल कर अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकता है।
हमारा नजरिया हमें कामयाबी दिलाता है
Our attitude contributes to success
हावर्ड विश्वविद्यालय द्वारा कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक 85% मौकों पर किसी इंसान को नौकरी या तरक्की उसके नजरिए की वजह से ही मिलती है, जबकि अक्लमंदों या खास तथ्यों (Facts) और आंकड़ों (Figures) की जानकारी की वजह से केवल 15% मौकों पर ही मिलती है। ताज्जुब की बात है कि जिंदगी में कामयाबी दिलाने में तथ्यों और आंकड़ों की केवल 15% हिस्सेदारी है और शिक्षा के मद की सारी रकम इन्हीं चीजों को पढ़ाने में खर्च की जाती है।
यह Article बाकी के 85% के बारे में ही है। अंग्रेजी भाषा में इसे Attitude (नजरिया) सबसे महत्वपूर्ण शब्द है। यह जिंदगी के हर पहलू पर असर डालता है यहां तक के आदमी की निजी और व्यवसायिक जिंदगी पर भी। क्या कोई आदमी अच्छे नजरिया के बिना अच्छा अफसर बन सकता है? क्या कोई छात्र अच्छे नजरिए के बिना अच्छा छात्र बन सकता है? क्या मां-बाप, शिक्षक, सेल्समेन, मालिक या कर्मचारी अच्छे नजरिए के बगैर अपना करदार अच्छी तरह निभा सकते हैं?
हमारा क्षेत्र चाहे जो हो कामयाबी की बुनियाद तो नजरिया ही है। अगर कामयाब होने के लिए नजरिए की इतनी अहमियत है तो क्या हमें जिंदगी के बारे में अपने नजरिए की जांच परख नहीं करनी चाहिए और क्या हमें खुद से यह सवाल नहीं करना चाहिए कि हमारा नजरिया हमारे मकसद पर कैसे असर डालता है?
सकारात्मक नजरिए वाले लोगों को कैसे पहचाने?
How do you recognise people with a positive attitude?
जिस तरह सेहत खराब न होने का मतलब अच्छी सेहत नहीं होता, उसी तरह किसी इंसान के नकारात्मक (Negative) ना होने का मतलब यह नहीं होता कि वह सकारात्मक (Positive) है।
सकारात्मक नजरिए वाले लोगों की शख्सियत (Personality) में कुछ ऐसी खासियतें होती है जिनकी वजह से उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। ऐसे लोग दूसरों का ख्याल रखने वाले, आत्मविश्वास से भरे, धीरज वाले और विनम्र होते हैं। ये लोग खुद से, और दूसरों से काफी ऊंची उमीदें रखते हैं, उन्हें अच्छे नतीजे हासिल होने की आसा रहती है।
सकारात्मक नजरिए वाला आदमी हर मौसम में चलने वाले (बारहमासी फल) जैसा होता है। उसका हमेशा स्वागत किया जाता है।
हीरो से भरा खेत Acres of Diamonds
हफीज अफ्रीका का एक किसान था। अपनी जिंदगी से संतुष्ट और खुश था। हफीज खुश इसलिए था कि वह संतुष्ट था। वह संतुष्ट इसलिए था क्योंकि वह कुछ था। एक दिन एक अक्लमंद आदमी उसके पास आया, उसने हफीज को हीरो के महत्व के बारे में बताएया। उसने हफीज से कहा अगर तुम्हारे पास अंगूठे इतना भी बड़ा हीरा हो तो तुम पूरा शहर खरीद सकते हो और अगर तुम्हारे पास मुट्ठी जितना बड़ा हीरा हो तो तुम अपने लिए शायद पूरा देश ही खरीद लो। यह आदमी इतना कह कर चला गया। उस रात हफीज सो नहीं सका। वह असंतुष्ट हो चुका था इसलिए उसकी खुशी भी खत्म हो चुकी थी। दूसरे दिन सुबह होते ही हफीज ने अपने खेतों को बेचने और अपने परिवार की देखभाल का इंतजाम किया और हीरे खोजने के लिए रवाना हो गया। वह हीरों की खोज में पूरे अफ़्रीका में भटकता रहा पर उन्हें पा नहीं सका। उसने उन्हें यूरोप में भी ढूंना पर वे उसे वहां भी नहीं मिले, स्पेन पहुंचते-पहुंचते वह मानसिक, शारीरिक और आर्थिक स्तर पर पूरी तरह टूट चुका था। वह इतना मायूस हो चुका था कि उसने वर्षिलोना नदी में कूदकर खुदकुशी कर ली।
इधर जिस आदमी ने हफीज से खेत खरीदे थे वह एक दिन खेतों से होकर बहने वाली नदी में अपने ऊंटों को पानी पिला रहा था। तभी सुबह के वक्त उग रहे सूरज की किरणें नाले के दूसरी ओर पड़े एक पत्थर पर पड़ी, और वह इंद्रधनुष की तरह जगमगा उठा। यह सोचकर यह पत्थर उसकी बैठक में अच्छा दिखेगा उसने उसे उठाकर अपनी बैठक में सजा दिया। उसी दिन दोपहर हफीज को हीरो के बारे में बताने वाला आदमी खेतों के इस नए मकान मालिक के पास आया। उसने उस जगमगाते हुए पत्थर को देखकर पूछा? "क्या हाफिज लौट आया?" नए मालिक ने जवाब दिया कि नहीं। लेकिन आप यह सवाल क्यों पूछ रहे हैं? अक्लमंद आदमी ने जवाब दिया क्योंकि यह हीरा है। मैं उन्हें देखते ही पहचान जाता हूं। नए मालिक ने कहा नहीं यह तो महज एक पत्थर है। मैंने इसे नाले के पास से उठाया है। अभी मैं आपको दिखाता हूं वहां पर ऐसे बहुत सारे पत्थर पड़े हुए हैं। उन्होंने वहां से नमूने के तौर पर बहुत सारे पत्थर उठायेऔर उन्हें जांचने परखने के लिए भेज दिया। वे पत्थर हीरे ही साबित हुए। उस खेत में दूर-दूर तक दबे हुए थे।
इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है इससे हमें सीख मिलती हैं -
- जब हमारा नजरिया सही होता है तो हमें महसूस होता है तो कि हम हीरों से भरी हुई जमीन पर चल रहे हैं। मौका हमेशा हमारे पांव तले दबे हुए हैं। हमें उनकी तलाश में कहीं जाने की जरूरत नहीं है। हमें केवल उनको पहचान लेना है।
- दूसरे के खेत की घास हमेशा हरी लगती है।
- हम दूसरों के पास मौजूद चीजों को देख कर ललचाते रहते हैं। इसी तरह दूसरे हमारे पास मौजूद चीजों को देखकर ललचाते जाते हैं इससे अपनी जगह की अदला-बदली करने का मौका हासिल करके उन्हें खुशी होगी।
- जिन लोगों को मौके की पहचान नहीं होती उन्हें मौके का खटखटाना शोर लगता है।
- मौका का जब आता है तो लोग उसकी अहमियत नहीं पहचानते। जब मौका जाने लगता है तो, उसके पीछे भागते हैं,।
- कोई मौका दोबारा नहीं आता। दूसरा मौका पहले वाले मौके से बेहतर या बदतर हो सकता है, पर वह ठीक पहले वाले मौके जैसा नहीं हो सकता। इसीलिए सही वक्त पर सही फैसला लेना बेहद जरूरी होता है। गलत वक्त पर लिया गया सही फैसला भी गलत फैसला होता है।
सकारात्मक नजरिया
आपके लिए फायदेमंद
- शख्सियत खुशनुमा हो जाती है।
- जोश पैदा होता है।
- जिंदगी का आनंद बढ़ जाता है।
- आप के अगल-बगल के लोगों को प्रेरणा मिलती है।
- आप समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सदस्य, और राष्ट्र की संपत्ति बन जाते हैं।
संस्थाओं के लिए
- उत्पादकता बढ़ जाती है।
- टीमभावना बढ़ जाती है
- समस्याएं हल हो जाती है।
- गुणवत्ता बढ़ जाती है।
- माहौल आपके मुताबिक बनता है।
- वफादारी बढ़ती है।
- लाभ ज्यादा मिलता है।
- मालिक कर्मचारियों ग्राहक के बीच बेहद संबंध में बनते हैं तनाव कम होता है।
नकारात्मक नजरिए के नतीजे। The conquences of negative attitude
जिंदगी की राह और रुकावटों से भरी पड़ी है, और अगर हमारा नजरिया नकारात्मक हो, तो अपने लिए सबसे बड़ी रुकावट हम खुद बन जाते हैं। नकारात्मक नजरिए वाले लोगों के लिए दोस्ती, नौकरी, शादी और संबंधों को कायम रख पाना काफी मुश्किल होता है। नकारात्मक नजरिए की वजह से-
- संबंधों में कड़वाहट आ जाती है।
- लोग नाराज रहते हैं।
- जिंदगी बे मकसद हो जाती है।
- सेहत खराब रहती है।
- खुद के लिए और दूसरों के लिए तनाव बढ़ता है।
नकारात्मक नजरिए की वजह से घर और कामकाज की जगह का माहौल बिगड़ जाता है।ऐसे आदमी समाज के लिए बोझ बन जाते हैं। ये लोग अपने नकारात्मक नजरिए को छुआछूत रोग की तरह अपने आसपास के लोगों और आने वाली पीढ़ियों तक फैला देते हैं।
अपने नकारात्मक नजरिए से वाकिफ होने के बावजूद हम उसे बदलते क्यों नहीं है? When we become answer of our negative attitude, why don't we change?
इंसान का स्वभाव आम तौर पर बदलाव-विरोधी होता है। हमें बदलाव तकलीफदेह लगता है। बदलाव का नतीजा अच्छा हो, या बुरा, पर अक्सर इससे तनाव बढ़ता है। हमें कई बार हमे अपनी बुराइयों के साथ जीने में अपना आराम महसूस करते हैं उनकी बेहतरी के लिए लोगों वाले बदलावों को भी कबूल नहीं करना चाहते। हम बुरे के बुरे ही बना रहना चाहते हैं।
अगर हमारा नजरिया सकारात्मक है, तो हमारी जिंदगी सीमाओं में कैद है। ऐसे नजरिए की वजह से हमको अपने आप में सीमित कामयाबी ही मिल सकेगी। हमारे दोस्तों की तादाद कम होगी, और हम जिंदगी का आनंद उठा पाएँगें।